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1857 में मेरठ की वो क्रांति, जिसने अंग्रेजों को दे

1857 में मेरठ की वो क्रांति, जिसने अंग्रेजों को देश से खदेड़ने के लिए रखी प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की नींव

अंग्रेजों को देश से खदेड़ने के लिए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की नींव सन 1857 में मेरठ में रखी गई, जो कि बाद में पूरे देश में आग की तरह फैल गई. इसी ने अंग्रेजों के पैर भारत से उखाड़ने की भूमिका तैयार की और आखिर में 1947 में भारत को आजादी मिली. इस जंग में लाखों ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान दिया

ऐसा है मेरा मेरठ शहर मेरठ शहर उन शहीदों का शहर है
जिन्होंने देश को आजादी दिलाई
और देश का 🇮🇳तिरंगा आसमान में लहराया 
जय हिंद
1857 में मेरठ की वो क्रांति, जिसने अंग्रेजों को देश से खदेड़ने के लिए रखी प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की नींव

अंग्रेजों को देश से खदेड़ने के लिए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की नींव सन 1857 में मेरठ में रखी गई, जो कि बाद में पूरे देश में आग की तरह फैल गई. इसी ने अंग्रेजों के पैर भारत से उखाड़ने की भूमिका तैयार की और आखिर में 1947 में भारत को आजादी मिली. इस जंग में लाखों ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान दिया

ऐसा है मेरा मेरठ शहर मेरठ शहर उन शहीदों का शहर है
जिन्होंने देश को आजादी दिलाई
और देश का 🇮🇳तिरंगा आसमान में लहराया 
जय हिंद

मेरठ शहर उन शहीदों का शहर है जिन्होंने देश को आजादी दिलाई और देश का 🇮🇳तिरंगा आसमान में लहराया जय हिंद