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ऐ आसमा तु इतना मगरूर क्यो है देखता हूं गौर से तुन्

ऐ आसमा तु इतना मगरूर क्यो है
देखता हूं गौर से तुन्हें की तु इतना दूर क्यो है
शायद जमीं की हकीकत तुम्हे बताता गया होगा
ये दुनिया वाले है ज़रूर तुझे भी सताया गया होगा।

©Kamlesh singh yaduvanshi मंजिल तु मशहूर है मगरूर नही।
ऐ आसमा तु इतना मगरूर क्यो है
देखता हूं गौर से तुन्हें की तु इतना दूर क्यो है
शायद जमीं की हकीकत तुम्हे बताता गया होगा
ये दुनिया वाले है ज़रूर तुझे भी सताया गया होगा।

©Kamlesh singh yaduvanshi मंजिल तु मशहूर है मगरूर नही।

मंजिल तु मशहूर है मगरूर नही।