उतनी ही लेना गिलास में घर वाले न निकलें तुम्हारी तलाश में बह न जाना रंगों की बरसात में नशे में होली निकल जाये, तुम उठो रात में उतनी ही लेना गिलास में रचनाकार-अरुण चक्रवर्ती गुरसहायगंज ©Poet Arun Chakrawarti,Mo.9118502777 हैप्पी होली हैप्पी होली