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लाख सुधरा हूँ फिर भी किसी को भी फाड़ने का दम रखता

लाख सुधरा हूँ फिर भी
 किसी को भी फाड़ने का दम रखता हूँ
 दुश्मनों की धड़कने थम जाती हैं
 मैं जब महफ़िल में कदम रखता हूँ

©avneesh mishra
  #dhadkane