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वो दौर कुछ और था ,ये दौर कुछ और है उस वक़्त में तु

वो दौर कुछ और था ,ये दौर कुछ और है
उस वक़्त में तु था ,इस वक़्त में "मैं "हुँ।
समय बीतता गया और ख़्वाहिशें बदलती गई
उस वक़्त ख्वाहिशों में सिर्फ तू था
अब ख़्वाहिशों में भी "सिर्फ मैं" हूं, सिर्फ "मैं"
ऐसा नहीं है कि जज़्बात बदल गये
पर यारा जीने के अंदाज़ बदल गये
खुशियों के साज बदल गये, रोशनी के मिज़ाज बदल गए
मुक़ाम तो अब भी वही है ,पर जाने के रास्ते ही बदल गये
मिलेंगें कभी हम तो तुम पाओगे हमारे तो अल्फ़ाज बदल गये
इन नज़रों के गुनाहगार बदल गये, करीम हमपर उस ईस्वर का हुआ कि आज मोतियाँ भी कोड़ियों के दाम बिक गये।

©Aparna Dubey #दौर#दौर_ए_ज़िन्दगी
वो दौर कुछ और था ,ये दौर कुछ और है
उस वक़्त में तु था ,इस वक़्त में "मैं "हुँ।
समय बीतता गया और ख़्वाहिशें बदलती गई
उस वक़्त ख्वाहिशों में सिर्फ तू था
अब ख़्वाहिशों में भी "सिर्फ मैं" हूं, सिर्फ "मैं"
ऐसा नहीं है कि जज़्बात बदल गये
पर यारा जीने के अंदाज़ बदल गये
खुशियों के साज बदल गये, रोशनी के मिज़ाज बदल गए
मुक़ाम तो अब भी वही है ,पर जाने के रास्ते ही बदल गये
मिलेंगें कभी हम तो तुम पाओगे हमारे तो अल्फ़ाज बदल गये
इन नज़रों के गुनाहगार बदल गये, करीम हमपर उस ईस्वर का हुआ कि आज मोतियाँ भी कोड़ियों के दाम बिक गये।

©Aparna Dubey #दौर#दौर_ए_ज़िन्दगी