स्वार्थ-सिद्धि में तलीन छोड़ जाते है जब साथ, निरीह सी हो जाती है रिश्ते की डोर। दृग में सदा जल भरने वाले, देकर चले जाते हैं आघात घनघोर। उदासीन पड़ जाते है रिश्ते के आवेश, खोजे नही मिलता धरा पर कहीँ ठौर। @आशुतोष यादव #दोस्ती_का_रंग #दोस्तीधोखा #meltingdown sheetal pandya मेरे शब्द अरुणशुक्ल अर्जुन Anshula Thakur