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बड़ी तलब थी उसे आसमान पे घर बनाने कि , सो मैंने आस

बड़ी तलब थी उसे आसमान पे घर बनाने कि  , सो मैंने आसमान पे ले जाकर उसे छोड़ दिया ।
अब मेरे ज़मी पे लौटने से पहले वो ज़मी पर पड़ा कराह रहा था। आसमान के ठिकाने
बड़ी तलब थी उसे आसमान पे घर बनाने कि  , सो मैंने आसमान पे ले जाकर उसे छोड़ दिया ।
अब मेरे ज़मी पे लौटने से पहले वो ज़मी पर पड़ा कराह रहा था। आसमान के ठिकाने
rajeshsuryavansh1699

Rajesh Raana

Silver Star
Growing Creator