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दिल की आवाज़ सुन दर्द से दोस्ती कर ली मैने खुशिओं

दिल की आवाज़ सुन दर्द से दोस्ती कर ली  मैने 
खुशिओं की चादर  अोड़ ली
अपने दोस्त की इक   झलक न दिखायी मैने ......
दर्द से इस कदर दोस्ती निभाई मैने......

अब हुनर  सीखेगा 'मन ' 
गम के  सैलाब को  पार करने का, 
दूर तक कोई हमदर्द ' माँझी ' जो नजर नहीँ आता......  

क्या करता मजबूर था  जनाब ,
 दोस्ती जब कर ही ली थी कैसे न निभाता ........................... Dard se dosti
दिल की आवाज़ सुन दर्द से दोस्ती कर ली  मैने 
खुशिओं की चादर  अोड़ ली
अपने दोस्त की इक   झलक न दिखायी मैने ......
दर्द से इस कदर दोस्ती निभाई मैने......

अब हुनर  सीखेगा 'मन ' 
गम के  सैलाब को  पार करने का, 
दूर तक कोई हमदर्द ' माँझी ' जो नजर नहीँ आता......  

क्या करता मजबूर था  जनाब ,
 दोस्ती जब कर ही ली थी कैसे न निभाता ........................... Dard se dosti