White पिवत राम रस चढ़ी खुमारी तब जानी दुनियाँ हैं उधारी जंग तब किसके लिए हैं सारी क्यो इतनी रंजिश इतनी व्याधि राम चदरिया तन ओढ़ के सर चंदन तिलक लगाय राम नाम जपते फिरे, मन में बहु घात छुपाय राम नाम का जाप कर ले मन में छोड़ कर जग का ध्यान, बन में मुक्ति मोक्ष तेरे दर आएगी देखना जग बदला बदला सा लगेगा पल में । ©बिमल तिवारी “आत्मबोध” #Sad_Status #ram_mandir