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मुझे तुम से शिकायत है। बस इतनी सी । मेरा दर्द तुम

मुझे तुम से शिकायत है। बस इतनी सी ।
मेरा दर्द तुम अगर समझ पाते ॥
अपनी बाँहों का सहारा देकर मुझे उठाते ।
तो गिरने से पहले मेरे भी कदम सम्भल जाते। 
मुझे तुम से शिकायत है बस इतनी सी ॥
मेरी तरसती निगाहों में तुम समा जाते। 
और इन भीगी पलकों पर 
आसूं ही सही कुछ देर तो तुम ठहर जाते । 1 
मुझे तुम से शिकायत है बस इतनी सी ।
मेरे जज्बातों को अनदेखा ना करते ।
 मेरे दर्द को प्यार की मरहम लगाकर ।
थोड़ा आराम मेरे जख्मों को दे जाते ।
मुझे तुम से शिकायत है बस इतनी सी ॥
मेरे आखरी पलो तक मेरे साथ चलते ।
मेरे जनाजे को तुम सजाते ।
अपने कंधों का सहारा देकर ।
शमशान तक पहुंचा जाते ।
और चार फूल मेरी कबर पर चढ़ा जाते ।
मुझे तुम से शिकायत है बस इतनी सी ॥
मेरे लिए थोड़ी सी दुआ खुदा से कर जाते 
इन अंधेरी राहों को चिरागों से रोशन कर जाते ॥
मुझे से शिकायत है बस इतनी सी ॥

©Shakuntala Sharma
   मुझे शकाय ल ळ i

मुझे शकाय ल ळ i #समाज

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