वैसे पश्चिम दिशा का सुर्य भी "सुर्योदय"ही होता है,,,, लेकिन हम पुर्व दिशा के सुर्य को ही सुर्योदय कहते है,,,, क्योकि जिस वक्त सुर्य को देख कर आधी दुनियाँ ""गुड मॉर्निग कहती है ठीक उस वक्त उसी सुर्य को देखकर आधी दुनियाँ"गुड ईवनिंग"कहती है,और जिस वक्त आधी दुनियाँ गुड ईवनिंग कहती है ठीक उसी वक्त आधी दुनियाँ गुड"मॉर्निग"कहती है,,,,, ,, बस!समझ का फेर है,,, ,बाकी सुर्योस्त कभी नही होता है,, ,सुर्य शाश्वत होता है"""इसलिये कहते है"जब जागो तभी सवेरा",,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,