पहुँचे गुरुकुल चारों भाई। गुरु माता ने लाड़ लगाई।। कठिन नहीं जब हो अनुशासन। संभव कैसे तब हो शासन।। विचार यह गुरु माँ से बोले। महत्व अनुशासन का तौले। गुरु माँ ने संगीत सिखाई। ममता करुणा भेद बताई।। ज्ञान वेद का वशिष्ठ देते। पाठ सुशासन उन्हें बताते।। अस्त्र-शस्त्र की देते शिक्षा। कर्म-धर्म क्या देते दीक्षा।। कर्ता जो द्रष्टा कैसे होता। बोले गुरु विकार जब खोता।। समता ही जो सबमें देखे। मानव वह ही सच्चा लेखे ©Bharat Bhushan pathak poetry on love love poetry in hindi hindi poetry on life poetry in hindi poetry quotes