इस संदर्भ में भी कश्मीर समस्या के मूल उसे समझना और उसके समाधान में नेहरू की नाकामी से जुड़े शोध परक सामग्री भी पुस्तक को समय पर प्रदान करती है अपनी अवधारणा को पूर्ण करने के लिए लेखक ने व्यापक स्तर पर संदर्भ का आश्रय लिया इस पुस्तक प्रमाणिक लगती है नेहरू के समय कालीन राजेंद्र प्रसाद मौलाना आजाद और भीमराव अंबेडकर जी के दोस्त आंतों के अतिरिक्त चौधरी वीपीएस न्यायालय सीतामढ़ी गोले राजमहल गांधी और कोनी डोर एटलस आदि के संदर्भ में इसकी गहराई प्रदान करते हुए पुस्तक का अनुवाद अच्छा है भाषा और शैली भी सर्दी हुई है प्रस्तुतीकरण के स्तर पर कुछ विचार करते हैं एक दौर में जब आजादी का अमृत मना रहे थे और एक राष्ट्र के रूप में भारत की अभी तक की यात्रा में उसके विभिन्न विभूतियों को अदान प्रदान कर चर्चा रही है उसी तो आलोक में भी यह पुस्तक उपयोगी बंद पड़ी है जो पाठकों को यह सोचने पर विवश करती है कि यदि ऐसा ना हुआ होता तो क्या तस्वीर होती यह पुस्तक चीनी विद्वान कमीनी है कि इस कथन की बात करती है यदि भविष्य को सुनना चाहते हैं तो अतीत का ध्यान करो भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मंदिर लेकर आ रहे हैं राम जन्म भूमि के उदार पौधों में अपने प्राणों का उत्सर्ग किया उस हसनपुर के राम का नाम राम भक्त हैं विवरण के लिए विवश होना पड़ता है इसके बावजूद उसकी एक व्यक्ति बनी रहती है लेखक परशुराम गुप्ता ने हाल में राजवंश के संपूर्ण प्रकाश डाला था पंत बदलने पर भी वह अपनी संस्कृति से बने रहते यह भाव एक ऐतिहासिक उपनिषद का प्राण तत्व है हसनपुर के राजयोग चंद्र पानीपत की पहली लड़ाई में आए तो बादशाह इब्राहिम लोदी की सहायता के लिए थे ©Ek villain #जन-जन में राम कड़कड़ में राम #Hope