कभी हम साथ होते थे ज़िंदगी के सफर में अन्जां इन रास्तों पर आज अकेला हूँ बशर मैं देखी थी फिक्र कभी अपनी उनकी भी नज़र में दिलचस्पी भी नहीं उन्हें कोई अब मेरी खबर में बेजान-सी पड़ी है खुशी गम भी हैं असर में हासिल भी क्या हो अगर जो रो भी दूँ अगर मैं खो चुके हैं मंज़र हसीं कुछ साथ ही एक शख्स खोया हंस लूँ या रो लूँ अब तो अकेला इस डगर में कभी हम साथ होते थे ज़िंदगी के सफर में कभी हम साथ होते थे... #साथहोतेथे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #भुवनेश #yqbaba #yqhindi #yqbhaijan