मसरूफ़ रहे हम अक्सर, अपनी ही तन्हाइयों में। ढूँढ न पाए वो दिल, हम सूरत-ए-रानाइयों में। ख़िज़ाँ में आई बहार को, हम बेमौसम मानते रहे। पहचान ना पाए चाहत, हम इश्क़ की परछाइयों में। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "ख़िजाँ" "KHizaa.n" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है पतझड़ एवं अंग्रेजी में अर्थ होता है autumn. अब तक आप अपनी रचनाओं में पतझड़ शब्द का प्रयोग करते आए हैं। उसकी जगह आप इस उर्दू शब्द ख़िज़ाँ का प्रयोग कर सकते हैं। ♥️ उदाहरण :- मिरी ज़िन्दगी पे न मुस्करा मुझे ज़िन्दगी का अलम नहीं जिसे तेरे ग़म से हो वास्ता वो ख़िज़ाँ बहार से कम नहीं