क्या मैं भी तेरे ख़्वाबों में आने जाने लग जाऊं मुझे लगादे ठिकाने, या मैं खुद ठिकाने लग जाऊं किसी दिन सुनो बैठकर अर्ज़ियाँं मेरे दिल की कुछ तुम भी सुनाओ मुझे कुछ मैं सुनाने लग जाऊं। #poetrylove #sadilharyanvi