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हर लम्हा ही तुझे, पुकारता रहा हूँ मैं। सुनो!दिल मे

हर लम्हा ही तुझे, पुकारता रहा हूँ मैं।
सुनो!दिल में तुझे, उतारता रहा हूँ मैं।।

जो बहुत उड़ा करते हैं,  आसमान में,
उनके पर* भी, सदा कतरता रहा हूँ मैं।।

तुम हो विपरीत मुझसे चाहें जितना भी,
तुम्हारे लिए खुद को बदलता रहा हूँ मैं।।

तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए,
बहुत सी बातें हर बार भुलाता रहा हूँ मैं।।

जैसे अपना कहता हूँ, वैसे तुम भी कहते होगे,
ऐसा ही बस एक भ्रम पालता रहा हूँ मैं।।

जैसे भी हो, एक तुम्हारा साथ पाने के लिये
तमाम नई नई भूमिकायें बनाता रहा हूँ मैं।। हर लम्हा तुझे पुकारूँ...
#तुझेपुकारूँ #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
हर लम्हा ही तुझे, पुकारता रहा हूँ मैं।
सुनो!दिल में तुझे, उतारता रहा हूँ मैं।।

जो बहुत उड़ा करते हैं,  आसमान में,
उनके पर* भी, सदा कतरता रहा हूँ मैं।।

तुम हो विपरीत मुझसे चाहें जितना भी,
तुम्हारे लिए खुद को बदलता रहा हूँ मैं।।

तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए,
बहुत सी बातें हर बार भुलाता रहा हूँ मैं।।

जैसे अपना कहता हूँ, वैसे तुम भी कहते होगे,
ऐसा ही बस एक भ्रम पालता रहा हूँ मैं।।

जैसे भी हो, एक तुम्हारा साथ पाने के लिये
तमाम नई नई भूमिकायें बनाता रहा हूँ मैं।। हर लम्हा तुझे पुकारूँ...
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