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मैने वक्त को कहा रुक जा उन लम्हों में जो कभी मेरे

मैने वक्त को कहा
रुक जा उन लम्हों में
जो कभी मेरे थे
वापिस ले चल
जहां फिर जीना चाहता हूं 
एक  और जिंदगी... 
कुछ भूल सुधारनी है
बिगड़ी बातें संवारनी है
वक्त ने कहा.. 
एक चक्र है वक़्त 
मैं कभी रुक नहीं पाता 
पर जो चाहो तुम 
तो, बस यादें दे सकता हूं
वक्त भी बदल गया 
लोग भी बदल गए 
बस जो नहीं बदल पाईं 
तो वो है यादें....!!

©हिमांशु Kulshreshtha
  वक़्त...

वक़्त... #Shayari

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