कुछ अहसास, कुछ जज़्बात छुपा के रख लूँगा, तुम्हारे कुछ अनकहे अंदाज छुपा के रख लूँगा। रख कुछ लूँगा तुम्हारी बेबाकी के हिस्से, तुम्हारी हुस्ने - ए - अमलतास छुपा के रख लूँगा। करूँगा याद जब भी तुमको, तो रो दूँगा, शिफर से शिखर तक के वो हर याद छुपा के रख लूँगा। कुछ अहसास, कुछ जज़्बात छुपा के रख लूँगा, तुम्हारे कुछ अनकहे अंदाज छुपा के रख लूँगा। रख कुछ लूँगा तुम्हारी बेबाकी के हिस्से, तुम्हारी हुस्ने - ए - अमलतास छुपा के रख लूँगा। करूँगा याद जब भी तुमको, तो रो दूँगा, शिफर से शिखर तक के वो हर याद छुपा के रख लूँगा।