वो सच्चा फरेबी निकला, दिल को हमारे लूटता रहा फिर भी रहे हम खामोश, लबों से हमने कुछ ना कहा दिल हमारा तोड़ कर भी वो रहा बिलकुल बेफिक्र अपनी बेचैनियों का हमने ना किया उससे कभी ज़िक्र हमारी खामोशी को समझता रहा वो हमारी कमज़ोरी यूँ ही बड़ती गई उस बेरहम की सीनाज़ोरी जब सहन ना कर पाए हम और उसके ज़ुल्म खुद ही दूर हो गए उससे, बिना उसको कराए कोई इल्म ♥️ Challenge-611 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।