रिश्ता ही कुछ ख़ास है चाँद से जुड़े हैं पाँव धरती से लगन असमान से रोज़ चाँद जोड़कर पूनम सजाती हूँ अमा की रात उसकी अर्ज़ी में बिताती हूँ दीपावली में उसके नाम के दिये जलाती हूँ दूज का चाँद चन्द्रशेखर है शिवैति गाती हूँ चाँद रात का संग-संग जश्न मनाती हूँ चाँद मेरा! मेरी खुशियों की आमद है शिफ़ा से इसकी जी की लगन सलामत है दूज, तीज, चौथ कई त्योहार में रंग भरती हूँ खुशनुमा ईद सी ज़िन्दगी का इंतेख़ाब करती हूँ नानक, बुद्ध, ईसा की सलाहियत का सानी है चाँद मेरा! ज़िन्दगी की आँखों का पानी इसी का रंग लिए शबनमी क़ुदरत इनाई है चाँद! मेरी रूहे तलत आशनाई है रूबाई है #toyou #चाँदरात #yqfestivity #yqlove #yqnights #yqcontemplation