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जैसे ठहर गया है दिन, रात हो ही नही रही, मानो प्रति

जैसे ठहर गया है दिन,
रात हो ही नही रही,
मानो प्रतिक्षा के चाप पर,
सुर्य देव आ खडें है....
लगाएं हैं चन्द्रदेव खुद पर विराम,
वो भी किसी कन्द्रा में जा छीप खडें हैं....
अब सब्र नही होता,हे रथवान अरूण !!
जल्दी खींचो,
अपने स्वामी के रथ के पहिए को....
हमें प्रभु को देखने जाना है,
आ रहें हैं अवध में रामलला,
हम‌ें दर्शन हेतू मन-दिल को सजाना है,
हमें हमारे प्रभु को जल्दी पाना है,
हमें हमारे प्रभु को जल्दी पाना है....!!
                             -Sp"रूपचन्द्र"
 ॥ जय श्री राम ॥ #राम_मंदिर
जैसे ठहर गया है दिन,
रात हो ही नही रही,
मानो प्रतिक्षा के चाप पर,
सुर्य देव आ खडें है....
लगाएं हैं चन्द्रदेव खुद पर विराम,
वो भी किसी कन्द्रा में जा छीप खडें हैं....
अब सब्र नही होता,हे रथवान अरूण !!
जल्दी खींचो,
अपने स्वामी के रथ के पहिए को....
हमें प्रभु को देखने जाना है,
आ रहें हैं अवध में रामलला,
हम‌ें दर्शन हेतू मन-दिल को सजाना है,
हमें हमारे प्रभु को जल्दी पाना है,
हमें हमारे प्रभु को जल्दी पाना है....!!
                             -Sp"रूपचन्द्र"
 ॥ जय श्री राम ॥ #राम_मंदिर