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सफ़र जिन्दगी आकर के कुछ उस मोड़ पर खड़ी थी जहां क

सफ़र

जिन्दगी आकर के कुछ उस मोड़ पर खड़ी थी
जहां कभी भी साथ न छोड़ने वालों में होड़
साथ हर हाल में छोड़ने की पड़ी थी
खैर जिंदगी का क्या
एक सफर ही तो है
और सफर में साथ मंजिल तक
खुद के सिवा किसी का नहीं होता।

©Sangeeta Chauhan
  #problemstaughtme