सिला ना मौहब्बत् का कभी, किसी को एेसा मिले!! कि वफा के बदले ना किसी को, कभी कोई जफा मिले!! मौहब्बत् तो मौहब्बत् है यारों, फकत् एक इबादत है!! बदले में गर मिले तो केवल, खुदा मिले, ना किसी को कभी कोई, बे-वफा मिले!! कहना था बस कह दिया ~~~ निशान्त ~~~ सिला मोहब्बत का