कौन कितना हुआ पराया है? बाद लुटने के समझ आया है। सिक्का भी दोगला निकला, वीरू को 'डिअर' गंवाया है। लोग फूलों के जले मिलते हैं, किसका काँटों ने दिल दुखाया है? इक हवा ने लौ जलाई थी, इक तूफां ने दिया बुझाया है। भूख मिटती नहीं है बातों से, सारी क़समों को मैंने खाया है। अब मैं खुशमिज़ाज़ रहता हूँ, जबसे रूठा हुआ मनाया है। #dearsdare #yqgazal #gazal #hindi #poetry #song