मौन कबतक जी सकोगे ये बतादो रैन कबतक पी सकोगे ये बतादो अब प्रलय की रश्मि को लाना पड़ेगा तिलमिलाने से नही अब काम चलता गीत गाने से नही अब काम चलता जी चुराने से नही अब काम चलता रोकदेना ही पड़ेगा स्वार्थ रथ को अश्रु ढोने से नही अब काम चलता ................. सत्य है ये ब्याल घर में ही पले है मुख कुचलदो ऐंठ कर लगते भले है पय पिलाने से नहीं अब काम चलता जी चुराने से नहीं अब काम चलता। 😡पाठक😾 #पाठक #पंछी #धौलपुर