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कमलनयन से नयन मिले तो कमल पांखुरी हो बैठी। बंशी की

कमलनयन से नयन मिले तो कमल पांखुरी हो बैठी।
बंशी की धुन में यूँ खोई लगा बाँसुरी हो बैठी।
दूध के जैसे गोरी राधा तन की सब सुधि भूल गई , 
श्याम के रंग में ऐसी डूबी स्वयं सांवरी हो बैठी।

©Ketan Tripathi #krishana #RadhaKrishna
कमलनयन से नयन मिले तो कमल पांखुरी हो बैठी।
बंशी की धुन में यूँ खोई लगा बाँसुरी हो बैठी।
दूध के जैसे गोरी राधा तन की सब सुधि भूल गई , 
श्याम के रंग में ऐसी डूबी स्वयं सांवरी हो बैठी।

©Ketan Tripathi #krishana #RadhaKrishna