तवायफ़... (Read in caption) खुद को तैयार कर अपने को बेचती हूँ, जमीर को किनारे रख अपना जिस्म बेचती हूँ। कोई मुझे मुन्नी तो कोई मुझे रोजी कहता, माँ-बाप ने क्या नाम रखा कोई नहीं जानता।