उम्मीद है कि उम्मीद है की मेरे घर लौट कर वो आएगा जो तू लौट न आया तो मेरा दम भी निकल जाएगा माना की गुस्ताख़ हूं मै, मैने कुछ गुस्ताखीयाँ की तू जो माना नहीं महबूब तो मेरा सर भी लेकर जाएगा मिलती है बड़ी मुश्किल से यहाँ ऐहद-ए -वफ़ा मिलेगी कोई और मगर मेरी तरह कौन तुमको चाहेगा कौन तुमको चाहेगा