स्वयं गलती करके दूसरे को दोषी ठहराने वाला आदमी अधमाधम होता है। सरल होना आसान नहीं होता है। इसमें आगे, पीछे,दाएं,बाएं कोई मात्रा नहीं है।बस जस का तस। रास बिहारी त्रिवेदी