तुम्हारा मुस्कुराना, तो मानो जैसे फूल खिलता है हां.! मुझे तुम्हारे बारे में लिखना, अच्छा लगता है माना जरा सी हया है, तुम्हारी एज़ाजी आँखों में मगर तुम्हारा वो पलकें झुकाना, अच्छा लगता है पता है बातें नहीं, अनाकानी करते हो तुम, मगर बहस में सही, होंठो का टकराना अच्छा लगता है दो बोलती हूँ शब्द मैं खुद इसलिए तुमसे प्यार के क्योकि मुझको तुम्हारा शर्माना, अच्छा लगता है ये जो मोहब्बत की स्याही से, रोज लिखती हूँ मै तुम्हारे गुलाबी होंठों से पढ़वाना, अच्छा लगता है 'आयु' खुदा भी ऐसे लोग को जरा दूर ही रखता है क्योंकि उसेभी तुझे,लालच दिलाना अच्छा लगता है Ayushi Shukla°°💓 न जाने तुम्हारी बातें, क्यों मुझको इतनी सच्ची लगती है इश्क़ का पता नहीं,मगर तुम्हारी मासूमियत अच्छी लगती है ___________________💓__________________ This if for someone special 💓👈 Thanks to all, for missing my poetry