राम मिले सुग्रीव से, सारा वृतांत उन्हें सुनाया सुग्रीव भी था संकट में, बिन बाली संघार किये, कुछ नहीं कर सकता था वो बेचारा.... सारी कहानी जान कर, राम ने निकाला एक उपाय छुपकर अपने वाणों से किया बाली संघार.. फिर वानर सेना चली मिशन पर, माँ सीता की खोज का लिया प्रण जामवंत, हनुमान, सब मिलकर पहुँचे सागर तट पर..,, लंका जाना बड़ा था कठिन, पार करे सिंधु को कैसे, कोई उपाय ना सूझे तनिक भी.. हार कृश्किन्धा वापस लौटे, तोड़ प्रण वो कैसे बैठे तभी एक आवाज है आई, जामवंत जी के मुह खास सबने देखा मुड़कर उन्हें, शायद उनको सुझा कोई उपाय.. हम सब मे है एक उराका, बचपन में था बड़ा लड़ाका सूर्य को पल भर में था निगला, पवन से भी तेज उड़ने का वरदान है मिला.. कौन जामवंत बोलो जल्दी, जामवंत ने हनुमान नाम बताया याद दिलाने पर हनुमान जी को भूली बात याद है आया.. फिर क्या लेकर रघुवर का नाम, ले छलांग उर चला महान मिली सुरसा राक्षसी बीच रास्ते, भूख लगी है खाऊँगी तुम्हे, हनुमत के लाख समझने पर वो जब एक ना मानी कर संघार सुरसा का, लंका पहुँचे हनुमत बलशाली.. सूक्ष्म रूप धर किया लंका में प्रवेश सुन विभीषण के मुख से राम-राम अचरज में आए हनुमान मिल विभीषण सारा वृतान्त बताया, माता सीता अशोक वाटिका में है जानकर.. सीता माता से मिल सब कुछ उन्हें बताया, लेकर उनकी निशानी संग अपने, वाटिका में हड़कंप मचाया.. रावण ये सब जानकर मेघनाद को भेजा उसे लाने मेघनाद ने बृह्मासत्र में बांधकर, लंका के दरबार में लाए.. सोच विचार रावण इस मरकट को क्या सजा दिया जाए वानर की होती पूँछ है प्यारी इसकी पूँछ में आग लगा दिया जाए.. पाकर रावण का आदेश पूँछ में आग लगा सेनापति आग लगी पूँछ में हनुमान में, राम नाम बोल उर चले हनुमान पूरी लंका को दहन कर डाला.. लौट वापस प्रभु को माँ सीता को निशानी दे डाला..!! ©rishika khushi लंका दहन #NojotoRamleela #NojotoRamleela #13oct #NojotoWritters #NojotoEnglish