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तोड़ के सारे बंधन को मैंने तुझसे रिश्ता जोड़ा है

तोड़ के सारे बंधन को 
मैंने तुझसे रिश्ता जोड़ा है
जिस पथ की तू मुसाफिर है
उस रुख, मैंने ख़ुद को मोड़ा है
तू है, अंजान सही, 
अंजान ख़ुद को रहने दे
मेरा हाथ, थाम ले तू
पीड़ा, मुझे भी सहने दे
वादा मै ये करता हूँ
जीवनभर,साथ निभाऊँगा
साए की तरह 
तेरे इर्द गिर्द नज़र आऊंगा
इन काँटों की शैया मे
फूल बिछाऊँगा
जीवन की हर विपत्ति मे
ढाल बन खड़ा हो जाऊंगा
तेरे लबों में हंसी की
वज़ह बन जाऊंगा
हाथ थाम ले तू
तेरी खातिर मिर्ज़ा
बन जाऊंगा

©Bhupendra Rawat #atthetop तोड़ के सारे बंधन को 
मैंने तुझसे रिश्ता जोड़ा है
जिस पथ की तू मुसाफिर है
उस रुख, मैंने ख़ुद को मोड़ा है
तू है, अंजान सही, 
अंजान ख़ुद को रहने दे
मेरा हाथ, थाम ले तू
पीड़ा, मुझे भी सहने दे
तोड़ के सारे बंधन को 
मैंने तुझसे रिश्ता जोड़ा है
जिस पथ की तू मुसाफिर है
उस रुख, मैंने ख़ुद को मोड़ा है
तू है, अंजान सही, 
अंजान ख़ुद को रहने दे
मेरा हाथ, थाम ले तू
पीड़ा, मुझे भी सहने दे
वादा मै ये करता हूँ
जीवनभर,साथ निभाऊँगा
साए की तरह 
तेरे इर्द गिर्द नज़र आऊंगा
इन काँटों की शैया मे
फूल बिछाऊँगा
जीवन की हर विपत्ति मे
ढाल बन खड़ा हो जाऊंगा
तेरे लबों में हंसी की
वज़ह बन जाऊंगा
हाथ थाम ले तू
तेरी खातिर मिर्ज़ा
बन जाऊंगा

©Bhupendra Rawat #atthetop तोड़ के सारे बंधन को 
मैंने तुझसे रिश्ता जोड़ा है
जिस पथ की तू मुसाफिर है
उस रुख, मैंने ख़ुद को मोड़ा है
तू है, अंजान सही, 
अंजान ख़ुद को रहने दे
मेरा हाथ, थाम ले तू
पीड़ा, मुझे भी सहने दे

#atthetop तोड़ के सारे बंधन को मैंने तुझसे रिश्ता जोड़ा है जिस पथ की तू मुसाफिर है उस रुख, मैंने ख़ुद को मोड़ा है तू है, अंजान सही, अंजान ख़ुद को रहने दे मेरा हाथ, थाम ले तू पीड़ा, मुझे भी सहने दे #कविता