अपनो की बात अलग है, अपनेपन का जज़्बात अलग है, अकेले राही दो कदम ही चल सकता है, पर, अपनो का साथ हो तो कोसो दूर कांटो पर भी दौड़ सकता है। लक्ष्य को पाने को, हो दृण विश्वास, हार पर भी, कभी न छोड़ो आस !! नहीं रह सके आप सभी से दूर हम, देखो आये लौट के बुधु YQ पर अब ।। राह आसान हो जाती है, जब संग अपने हो कुछ अच्छे यार ।। बने हमारी हिम्मत करे हमे प्रोत्साहित बारम्बार ।। Niharika Jha Prachi Singh Nehal 'Vishrut'