नासमझ आंखें ख़्वाब लम्हों में देख लेती हैं हक़ीक़त उन्हें बनाने में उम्र गुज़र जाती है बच्चे अपनी हैसियत पे दोस्तों से शर्मिंदा हो जाते हैं ज़रूरतें उनकी पूरा करने में बाप की उम्र गुज़र जाती है अमीर की गाड़ी का मॉडल हर साल बदल जाता है ग़रीब की कंवारी लड़की की उम्र गुज़र जाती है मुल्ज़िम के हाथ टके टके में बिक जाते हैं मुन्सिफ़ कचहरी के चक्कर काटते मुद्दई की उम्र गुज़र जाती है सियासत की बिसात में महज़ प्यादों की हैसियत है रिआया की और दिन फिरने की उम्मीद में आदमी की उम्र गुज़र जाती है 26/11/20