बहोत पेहले हि ऊण गलियो मे जाणा छोड दिया था कि तू अब हमारा नही तो फिर क्यू तेरी यादे हर बार मुझे रूला जाती है क्या करू इन यादो का तेरी ऐ जो मिटणेका नाम नही लेती.......VK.....