#FourLinePoetry कितना भी अच्छा करलो किसी का, आख़िर मे बुरा करने वाले को ही होना हैं, ये कलयुगी दौर हैं दोस्तों, यहां आखिर में अपनों ने ही अपनों को डुबोना हैं।। ©Neeraj Saroha #fourlinepoetry #कलयुग #कलयुगी #selfish