मुझे समझ आया...थोड़ी देर में, उलझ गया था मैं..शब्दों के हेर फेर में, बहुत सारे शब्दों के दो अर्थ होतें हैं, कुछ के मतलब सही..तो कुछ के व्यर्थ होतें हैं, सही शब्दों के व्याख्यान से..ना जाने कितने महापुरुष प्रसिद्ध हुए, वहीं व्यर्थ शब्दों के आवेश में आकर..ना जाने कितनी बार युद्ध हुए, इन शब्दों के ही खेल से समाज में व्यवहार बनतें हैं, अच्छे, बुरे सारे संस्कार बनतें हैं, कभी मन को प्रफुल्लित करते..तो कभी हृदय को घाव देतें हैं, कभी व्यर्थ के तनाव..तो कभी रिश्तों को ठहराव देतें हैं, तो सोच विचार कर इन शब्दों का प्रयोग कीजिए, अर्थ का अनर्थ ना हो ऐसे उपयोग कीजिए ।। ©Rajesh Tiwari शब्दों का खेल #Hindi #shabd #words #kavita #Society #people #Trending #nojotohindi #Nojoto #writer