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साहब! ये रोटी ही तो थी, जिसने हमें घर से दूर भेजा

साहब! ये रोटी ही तो थी,
जिसने हमें घर से दूर भेजा था, 
सोचा था कुछ कमाकर, 
ज़िन्दगी पटरी पर लाऊंगा, 
ज़िन्दगी तो पटरी पर नहीं आई😢
पर पटरी में ही ज़िन्दगी चली गई 😢😢😭
                         - राहुल #औरंगाबाद
साहब! ये रोटी ही तो थी,
जिसने हमें घर से दूर भेजा था, 
सोचा था कुछ कमाकर, 
ज़िन्दगी पटरी पर लाऊंगा, 
ज़िन्दगी तो पटरी पर नहीं आई😢
पर पटरी में ही ज़िन्दगी चली गई 😢😢😭
                         - राहुल #औरंगाबाद