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कुछ बदला तो नहीं ज़िंदगी में। आज भी वही सब होते है

कुछ बदला तो नहीं ज़िंदगी में।
आज भी वही सब होते है काम।

वही बादल के गरजने का डर।
वही रिमझिम बारिश की बूंदे लगती क़हर। 

वही अँधेरी शाम कभी,
कभी वही सितारों वाली रात।

कुछ बदला नहीं मुझमें ख़ास।
बस गुमसुम सी हूँ तेरे बिन।

तेरे बिन उदास है मेरे हर दिन। 
जिंदा हूँ मगर जिया नहीं जाता तुमबिन। 🌷सुप्रभात🌷
👉🏻 प्रतियोगिता- 257

🙂आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा शब्द है 

 👉🏻🌹"तेरे बिन"🌹 

🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य  है I कृप्या
कुछ बदला तो नहीं ज़िंदगी में।
आज भी वही सब होते है काम।

वही बादल के गरजने का डर।
वही रिमझिम बारिश की बूंदे लगती क़हर। 

वही अँधेरी शाम कभी,
कभी वही सितारों वाली रात।

कुछ बदला नहीं मुझमें ख़ास।
बस गुमसुम सी हूँ तेरे बिन।

तेरे बिन उदास है मेरे हर दिन। 
जिंदा हूँ मगर जिया नहीं जाता तुमबिन। 🌷सुप्रभात🌷
👉🏻 प्रतियोगिता- 257

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 👉🏻🌹"तेरे बिन"🌹 

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nehapathak7952

Neha Pathak

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