अपनी बहन के सम्मान खातिर मैं तुम्हारे भगवान से लढ़ गया फिर पूंछ ये इंसान खुदसे तु किससे डर गया कलयुग नहीं कर्म युग हैं ये और तुम्हारे कर्मो से अविज्ञात नहीं हूं तुम दरिंदों से बेहतर मैं रावण ही सही हूं .....रावण रावण वानी