बन्दे !मन मत हार,तु ठान ले ये रार तु हार मत मान तु ,हार मत मान तु आकाश तक गर्जना कर,कर्म की तु वंदना कर भुजा मे अपने दम्भ भर,ना शौर्य मे तु क्रंदना कर चिलचिलाती धूप मे लौह सा अंगार भर रास्तो के पत्थरो पे गेंद सा प्रहार कर आग हो ,तुफान हो,लहर या विनाश हो शांति हो ,सम्भाव हो,या हो युद्ध की वंदना तु कदम मे जोश रख,तु भूजा मे शौर्य रख तु सदा यूँ रक्त मे ज्वाल से उबाल रख अपने पद के ठोकरो से पर्वतों पे वार कर शक्ति , विरता से तु जमीं को आसमान कर तोड़ दे अब जाल तु ,उठा ले अपना भाल तु हार मत मान तु,हार मत मान तु बन्दे!मन मत हार तु,ठान ले ये रार तु राजीव मिश्रा"समन्दर #NojotoQuote #