देखो आया नया सुहावन सावन, सबके मन को भावत सावन ,मिट्टी की खुशबू मनभावन आया नया सुहावन सावन, हरे भरे हैं घास पूस और डाल डाल पर चहकत चिड़िया ,गीत नया सा गावत सावन आया नया सुहावन, गरज गरज जब गरजे गगना धड़क-धड़क दिल धड़के है मन बरस बरस बरस बरसे जो सावन सबका मन ललचावत सावन ,देखो आया नया सुहावन सावन, डाल-डाल कहीं झूम रहे , झटक झटक कर झटकत झूले ,तरस तरस तरसत आवन ,देखो आया नया सावन सावन ,नदिया उमंग लिए करती झरना ,झर झर झरझर झरती झरना ,रिमझिम रिमझिम बरसत है सावन ,आया नया सुहागन सावन ,रंगा रंग रंग से रंग रसिया, इंद्रधनुष सबका मन बसिया, सब का मन तरसावत सावन, आया नया सुहावन सावन, सागर से नदिया मिल जाती प्रेम के गीत सुनावत जाती, चारों ओर दिखे घनघोर लगे तीन चोर बड़ा नटखट है सावन ,आया नया सावन सावन ,कटकत मटकत चहूं ओर चले कुछ शोर करे मन मोर नचे है प्यार भरा दिल दार ये सावन, देखो आया नया सुहागन सावन सबके मन को भावत.सावन (aaya naya suhawan sawan) poetry