White एक बात सबको पत्ते की बता दी जाए गिर के उठने वालों को आगे जगह दी जाए हर लम्हा हवा संग जो जिया, न झुका कहीं उसकी रूहानियत पे मुहब्बत लूटा दी जाए सूरज की तपिश को सहा, चुपचाप जला ऐसे जज़्बे को फलक पे बिठा दी जाए हर शाख से जुदा हो, मिट्टी में समाया उसकी खामोशी को जुंबिश बना दी जाए। ज़िंदगी का सबक है, गिरना और उठना इस फलसफे को हर दिल में बिठा दी जाए न गिरना बुरा, न टूटना कोई गुनाह जो न समझे ,उसे अज़र तक सजा दी जाए। हर पत्ता सिखाए है जीने का नया हुनर हर ज़र्रे को ये हक़ीक़त समझा दी जाए राजीव ©samandar Speaks #Thinking