*तारीफ़ और ख़ुशामद में एक बड़ा फ़र्क़ है... *तारीफ़* *आदमी के "काम"की होती है, और* *ख़ुशामद* *"काम" के आदमी की !* ©Dr Navneet Sharma #HumanPotential