यह देश गरीब ही चलता है, अमीर तो बस जताता है। अपने लहू से सिंचित करके, सबकी प्यास बुझाता है। भूख प्यास के परित्याग और परिश्रम से, अन्नदाता भूख मिटता है। हर महामारी से समाज को बचाता, खुद काल के गाल में समा जाता है। खुद हर बीमारी से रिश्ता जोड़ जाता, पर देश देश को स्वस्थ बनाता है, प्रकृति को समाज में स्थापित करके, इस देश को अंत से बचाता है। पर इन सबसे सबसे उसको क्या मिलता है, देश तिरस्कार का पात्र बनाता है, उसकी हर सेवाओं के बदले में, देश उसे तुच्छता भेंट चढ़ाता है । यह देश गरीब ही चलाता है। अमीर तो बस जताता है......! @abhi_ k_labz... #garib #kavita #garibiameeri #desh #