हे मेरे गिरधर हे गोपाल सुन लो तुम मेरी करुण पुकार। कर लो मेरी विनती स्वीकार करूं तेरी वंदना बारम्बार। द्रुपद की पुत्री हूं मैं और पांचाल की राजकुमारी हूं । तुम मेरे मुंहबोले भाई हो क्या तुमको नहीं है भान। आकर मेरी रक्षा कर लो लाज हो रही मेरी तार तार। राखी का मोल चुका दो अब तुम्हीं हो मेरे पालनहार। भरी सभा में निर्लज्ज करने को है दु:शासन तैयार। दुर्योधन भी खड़ा हंस रहा जंघा पर थपकी मार मार। किससे गुहार करूं सब सर झुकाये इसके लिए हैं तैयार। चीर हरण रोकने की खातिर मैं कर रही पांडवों से पुकार। सब बुत बने खड़े है यहां अपनी नज़रों में होके शर्मसार। हिम्मत नहीं किसी में रोके होने न दे ये जघन्य अपराध। अब तुम मेरी सुध ले लो होने न पाऊं मैं निः वस्त्र यहां। अगर ऐसा हो जाएगा तो मैं तुरंत तज दूंगी अपने प्राण। आकर मेरे प्राण बचा लो अब तुम्हीं हो मेरे भगवान। सखा कहते हो मुझको तो सखा धर्म का रखो मान। -"Ek Soch" #topic #collab #competition #draupadi #yqbaba #krishnalove #krishnaa_krishna #YourQuoteAndMine Collaborating with Mitali Awasthi