वो मीठी सी, मिसरी सी थी मै कड़वाहट का, भोगी था वो सांसारिक, अभिमानी थी मै भिक्षु था, मै जोगी था वो बक बक बक, बतियाती थी मै मौन विधा का, रोगी था वो सांसारिक, अभिमानी थी मै भिक्षु था, मै जोगी था #जोगी #वत्स #vatsa #dsvatsa #illiteratepoet #yqhindi #hindipoetry