आज़ फिर जानवर से बदतर बना इंसान, राक्षसी स्वभाव ने ली बेज़बान की जान। हथिनी के गर्भगृह पल रही थी नन्ही जान। आश्चर्य! वो शैतान भी मनुज अवशेष समान। दुःखद ! #दुःखद