मुझे सावण का वो पेहला सोमवार हमेश याद रहेगा उस दिन बिन मोसम मेने अपनो ने हि मुझे दुखो की बारिश मे भीगाया सिकाया था लेखक रमेश परिहार नाडोल लेखक रमेश परिहार #BoneFire